हेनरी आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ ने जेरवे (Gervais) में à¤à¤• विकà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾ के रूप में काम करना शà¥à¤°à¥‚ किया, लेकिन जब 1909 में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह विचार आया कि पेरिस के लोगों को फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से पनीर लाकर चखाया जाठजिस देश के पनीर की पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ की वे आजतक अनदेखी करते आठहै उसी दिन से इस कंपनी का इतिहास शà¥à¤°à¥‚ होता है।
हेनरी आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ ने अपना बिजनेस शà¥à¤°à¥‚ किया और अगले वरà¥à¤· à¤à¤• डेयरी खोली जो रयू à¤à¤®à¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¡à¤® (rue d’Amsterdam) पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ कंपनी शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ, और इसी के साथ बना परिपकà¥à¤µà¤¨ उसके उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त।
पहले विशà¥à¤µà¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ की अशांति के बाद बाजार में उपलबà¥à¤§ पनीर को परिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ और उनà¥à¤¨à¤¤ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने “पà¥à¤°à¥‡à¤®" को विकसित किया है।
वितरित उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ की तà¥à¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ ने हेनरी आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ को उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ की खोज में उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤‚चने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया।
फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के कोने-कोने में à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ समय से की गयी खोज़, जब उन इलाक़ों के रासà¥à¤¤à¥‡ कचà¥à¤šà¥‡ ही थे, ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के पनीरों के बारे में, उन जगहों के बारे में जहाठवे बनाठजाते हैं और उन लोगों के बारे में जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बनाते हैं गहरा और अनोखा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया है।
20 के दशक के मधà¥à¤¯ में आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ कंपनी, जो अबतक सौ से अधिक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पनीर रखने लगा था, की खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ इतनी बढ़ गयी कि हेनरी आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आसà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठखोला गया à¤à¤• तहखाना सà¤à¥€ पनीर पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मिलन सà¥à¤¥à¤² बन गया।
------------- हेनरी आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ और उनकी घोड़ागाड़ी। -------------
30 के दशक की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में उनके पà¥à¤¤à¥à¤° पियेर ने सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯ कला अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ और परिवार के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के बीच अपना निरà¥à¤£à¤¯ किया।
à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं की जीत हà¥à¤ˆ और शीघà¥à¤° ही पनीर डेयरी बढ़कर à¤à¤• रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ बन गयी जिसके नकà¥à¤¶à¥‡ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ बनाठऔर 1934 में अनावरण किया।
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ततà¥à¤•à¤¾à¤² सफलता मिली और आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ ने à¤à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ का रूप ले लिया।
मशाल लेकर आगे बढ़ते हà¥à¤ पियेर आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ यथा संà¤à¤µ सीधे उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ से पनीर उपलबà¥à¤§ कराने की कोशिश में हमेशा घूमते रहे।
सोना ढूà¤à¤¢à¤¨à¥‡ की शिदà¥à¤¦à¤¤ के साथ तलाश जारी रही।
इस बीच तहख़ाने के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² में वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆà¥¤
यहीं परिपकà¥à¤µà¤¨ तकनीक में निपà¥à¤£à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की गयी जो अब रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ के साथ-साथ कंपनी की महानता के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• हैं।
50 के दशक की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में हेनरी और पियेर आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ फà¥à¤°à¤¾à¤‚स और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे मशहूर पनीर विशेषजà¥à¤ž माने जाने लगे।
गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° को बनाठरखते हà¥à¤, लà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥€ फà¥à¤°à¤¾à¤‚सीसी पनीर के राजदूत पियेर आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में घूम-घूमकर उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ तकनीकों और विशेषताओं को सीखने, समà¤à¤¨à¥‡ और पहचानने में तबतक संकोच नहीं किया जबतक वे पनीर के जीते-जागते विशà¥à¤µà¤•à¥‹à¤¶ न बन जाà¤à¤à¥¤
------ पियेर आनà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¤ अपने परिपकà¥à¤µà¤¨ तहख़ाने में, à¤à¤• करिशà¥à¤®à¤¾à¤ˆ आदमी। ------